– उत्तर प्रदेश का एक ऐसा गांव जहाँ रास्ता न होने के कारण विकास की कोई योजना नही पहुची आज भी लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित है
– सोनभद्र सांसद ने वन मंत्री से बात कर किया शिकायत अब सीएम योगी से मिल करेंगे शिकायत और वन की जमीनों को मुक्त कराएंगे
– ग्रामीणों के आने जाने वाले रास्ते को कैमिकल युक्त रेड मड़ से पाटा गया है जिससे आवागमन में होती है दिक्कत
– आखिर ऐसा क्या हुआ कि सोनभद्र के सांसद पकौड़ी लाल कोल ने कमिश्नर विंध्याचल को पत्र लिखकर अवगत कराना पड़ा ? हम आपको उत्तर प्रदेश के एक ऐसे गांव में लेकर चल रहे है जहाँ सरकार द्वारा दी जा रही विकास की कोई योजना आज तक नही पहुची है गांव के लोग बुनियादी सुविधाएं जैसे शिक्षा,चिकित्सा,सरकार द्वारा दिया जाने वाला राशन जैसी सुविधाओ के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद मिलती है ।गांव में न तो कोई स्कूल है और न ही प्राथमिक उपचार के लिए कोई अस्पताल अगर गांव में कोई बीमार हो जाये तो कम्पनी प्रबंधन द्वारा टोकन मिलने के बाद ही उस रास्ते से जा सकते है।
और तो और आज जहाँ भारत अपनी टेक्नोलॉजी से चाँद पर पहुचकर विश्व मे अपना डंका बजा रहा है वही इस गांव के लोगो तक बिजली नही पहुची है ऐसा भी नही है कि गांव के लोग बिजली की मांग सरकार से न किये हो गांव वाले बिजली के लिए बाकायदा आवेदन दिया है लेकिन बिजली है कि गांव में पहुची ही नही ।
और पहुचे भी कैसे जब जाने का रास्ता हो तभी तो विकास होगा रास्ता तो एशिया की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादन की कम्पनी हिण्डालको इंडस्ट्रीज से कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रास्ते को चालू करने की मांग उठाई लेकिन उन्हें फर्जी मुकदमों में उलझाने का काम हिण्डालको प्रबंधन द्वारा किया गया है।
वही हिण्डालको प्रबन्धको द्वारा सीएसआर के मद में करोड़ो रुपया सरकार की नजर में ग्रामीण विकास के नाम पर खर्च कर रही है वही इनकी कम्पनी की बाउंड्री वाल से लगा हुआ ठाड़ पाथर गांव में हिण्डालको द्वारा सीएसआर के मद में शिक्षा,चिकित्सा,रोजगार के साधन अब तक उपलब्ध नही कराए गए ।
और ऐसा भी है कि गांव के भोले भाले आदिवासियों के ऊपर इनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा लाठियों से मारकर सर तोड़ने का भी काम किया जा चुका है इनको इस रास्ते से आने जाने से रोकने पर ग्रामीणों द्वारा कई आंदोलन किया गया है और कम्पनी प्रबंधन तंत्र द्वारा कम्पनी के लेटर हेड पर रास्ता अवरुद्ध न करने की बात कही गई है
फिर भी आप देख सकते है कि पूरे रास्ते मे जहरीली केमिकल युक्त रेड मड को गिराकर बड़े बड़े कीचड़ से युक्त गहरे गड्ढे बने हुए है जिससे स्कूल जाने वाले छोटे छोटे मासूम बच्चे भी मोदी और योगी से रास्ता बनवाने की गुहार लगा रहे है ।
रेणुकूट में स्थापित हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा कोरोना काल का भय दिखाकर मुर्धवा ग्राम के तीन टोला निहाई पाथर, पाटि बड़वान, का मार्ग अवरोध कर दिया गया था जिस रास्ते को खोलने के लिए सोनभद्र के सांसद पकौड़ी लाल कोल ने विंध्याचल मंडल के मंडलायुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि ग्रामीणों के आने जाने के इस रास्ते को हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा बाउंड्री वाल बनाकर तथा गेट लगाकर जो बंद कर दिया गया है उसे अभिलंब खोला जाए जिससे इन ग्रामीणों को आने-जाने में किसी भी प्रकार के दिक्कत का सामना न करना पड़े
वहीं हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा अपने कंपनी के विस्तारी करण को लेकर कंपनी से निकल रहे केमिकल युक्त रेड मड को पूरे रास्ते में भरकर रास्ते को जाम कर दिया गया है जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
आपको बता दें कि आजादी के 77 साल बाद भी आज मूर्धवा ग्राम का यह टोला विकास के नाम पर कोसों दूर है उस गावँ तक जाने का कोई भी रास्ता नहीं है यही एकमात्र रास्ता जो सैकड़ो वर्षों से वहां के ग्रामीण इस्तेमाल कर रहे थे हिंडालको प्रबंधन की गलत नीतियों द्वारा उस रास्ते को बंद कर दिया गया है।और जो रास्ता खुला है उस रास्ते पर केमिकल युक्त रेड मड कीचड़ से भरा गिराया रहता है जिससे छोटे छोटे बच्चो को स्कूल आने जाने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है
वही ग्रामीणों ने आरोप लगाया हिंडालको प्रबंधन के लोग हम ग्रामीणों के ऊपर चोरी का इल्जाम लगाकर आए दिन प्रताड़ित करते रहते हैं और मारपीट करते रहते हैं जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है ग्रामीणों ने रॉबर्टसगंज लोकसभा के सांसद पकौड़ी लाल कोल से मांग किया है कि हम लोग अपने घर के जरूरी सामान को लेने के लिए बाजार जाने के लिए या हमारे यहां कोई बीमार हो जाए तो उसका दवा इलाज करने के लिए पिछले कई वर्षों से इस रास्ते का इस्तेमाल करते थे जिसे हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंधन ने अवरुद्ध कर दिया है हम लोगों के आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है हम लोग बहुत परेशान हैं इस रास्ते को जल्द से जल्द चालू कराया जाए।
वही बातचीत के दौरान जनप्रतिनिधियों ने बताया कि अगर हिण्डालको इंडस्ट्रीज लिमिटेड को सरकार द्वारा दी गई जमीनों का वास्तविक पैमाइस करवा दी जाए तो इन्होंने बहुत सारी जमीनों को वन विभाग की मिलीभगत से कब्जा कर रखा है जिसकी पैमाइश कराना अति आवश्यक है जिससे रेणुकूट के दुकानदारों मजदूरों के ऊपर किये गये फर्जी मुकदमों का निस्तारण किया जा सकता है ।
वही सोनभद्र के सांसद पकौड़ी लाल कोल ने बताया कि हिण्डालको वाले डकैत है सैकड़ो बीघा जमीन हिण्डालको ने वन विभाग की मिली भगत से कब्जा कर रखा है वन मंत्री से बात हुई है मैं मुख्य मंत्री योगी जी से मुलाकात करके वन की जमीनो को इनके कब्जे से मुक्त कराऊंगा जिससे हमारे आदिवासी वनवासी भाई लोगो को आने जाने में किसी भी प्रकार के दिक्क्क्त का सामना न करना पड़े ।
वही नगर पंचायत की अध्यक्ष ममता सिंह ने बताया कि हमारे नगर के पेयजल की आपूर्ति के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ठाड़ पाथर गांव में लगा हुआ है लेकिन आने जाने का रास्ता सुचारू रूप से न होने के कारण मशीनों की मरम्मत में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है अभी पिछले कई दिनों से पानी की आपूर्ति ठप पड़ी हुई थी काफी जद्दोजहद के बाद पानी की आपूर्ति शुरू किया जा सका है ।हिण्डालको प्रबंधन को गांव में आने जाने का रास्ता बनवा देना चाहिए जिससे गांव के लोगो को आने जाने में जो परेशानी उठानी पड़ रही है समस्या समाप्त हो जाये ।
बताते चले कि कुछ दिनों पहले मांची थाना क्षेत्र के केवटम गांव में वन भूमि की नर्सरी में भैंस चराने को लेकर आदिवासियों और वन कर्मियों में झड़प हुई थी, जिसमे एक वन कर्मी ने अपनी लाइसेंसी बन्दूक से फायर भी किया था। जिसमे वन विभाग की तरफ से लगभग 50 लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था तो वही समाज कल्याण मंत्री संजीव गोंड व पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने गांव का दौरा कर आदिवासियों की तरफ से भी वन कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था और पुलिस द्वारा एक पक्षीय कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर किया था।